Wednesday, 19 October 2016

दखलंदाजी -कहानी

“या हमारे दीन पर हमला है, हम यह बर्दास्त नहीं करेंगे “
“हम ईंट का जबाब पत्थर से देना जानते हैं ....सरकार यह न समझें की इस देश में हम कमजोर है ...हम अपने हक़ के लिए कुछ भी कर सकते हैं ....किसी का भी हमारे मजहब में दखल देने की इज़ाजत मंजूर नहीं .....कुराने पाक और शरियत में दखल देने की इजाजत किसी को नहीं ...अगर कोई इसमें दखल देता है तो हम उसके खिलाफ जायेंगे ..कोई भी सिविल कोड का नाम लेके यूँ हमारे मजहब से खिलवाड़ नहीं कर सकता....कोर्ट भी मजहब से बढ़ के नहीं  ” खान साहब पुरे जोश से भाषण दे रहे थे
“ बिलकुल भी नहीं ....बिलकुल भी नहीं ....हम यह बर्दास्त नहीं करगे ...अल्लाह के हुक्म में दखलंदाजी ..हरगिज नहीं ..हरगिज नहीं “ खान साहब की जोशीली तकरीर सुन भीड़ में और जोश भर गया वह उत्तेजित हो चिल्लाने लगी |

लगभग हजार की भीड़ होगी जिसे खान साहब और बाकी के कुछ ‘नेता ‘ टाइप के लोग संबोधित कर रहे थे , खान साहब एक मदरसे में मौलवी थे और दीन के विषय में काफी विद्वान व्यक्ति थे|

लगभग डेढ़ घंटे इस प्रकार की तकरीरे और भाषण देने के बाद खान साहब और अन्य कौमी नेता लोग मंच से  रुखसत हुए|

कार में बैठे खान साहब को उनके असिस्टेंट ने कहा –
“मौलवी साहब !बहुत बेहतरीन भाषण दिया आपने ...देखिये अल्लाह ने चाहा तो एक दिन आप बहुत अच्छे नेता बनेंगे|कौम की रहनुमाई करेंगे “
खान साहब उसकी बात सुन ख़ुशी से मुस्कुरा दिए और बोलेन –
“ अरे !उनकी हिम्मत कैसे हुई हमारे मामलात में दखलंदाजी करने की? इस देश का मुस्लिम कमजोर नहीं जो कुरान के खिलाफ कोई बात सुने ....तीन तलाक हमारा मसला है और हम किसी को शरियत में बदलाव की इजाजत नहीं देंगे |हमारे मज़हब में तीन तलाक हक़ है और कोई भी कानून इसे रोक नहीं सकता “

”जी जनाब...बिलकुल वजा फरमाया आपने “ असिस्टेंट ने सहमती से सर हिलाते हुए कहा |

अभी बातचीत चल ही रही थी की खान साहब के फोन की घंटी बजी ,खान साहब ने जेब से मोबाइल निकाला और हेलो किया | दूसरी तरफ उनकी बेटी थी ,बेटी ने ऐसा कुछ कहा जिसको सुन खान साहब के चेहरे का रंग उड़ गया |उनके हाथ कांपने लगे, बड़ी मुश्किल से उन्होंने खुद को काबू किया |

असिस्टेंट जब यह देखा तो उसने पुछा की क्या बात हुई ?खान साहब ने उदास होते हुए कहा –
“क्या बताऊ मिया ! बेटी रुखसाना के ससुरालवाले काफी लालची हैं ,शादी में पांच लाख कैश और अल्टो कार दी थी दहेज़ में पर हरामजादो का मन नहीं भरा और रोज कुछ न कुछ मांग करते रहते थे | न देने पर तलाक की धमकी देते रहते थे ,पिछले हफ्ते एक लाख और मांग रहे थे ...अब मेरे पास इतने पैसे अभी नहीं हैं पर ससुरालवाले मान ही नहीं रहे थे | अभी फोन आया रुखसाना का की उसको मर पीट के घर से निकाल दिया है , उसके दुल्हे शौहर ने तीन तलाक भी दे दिया |रुखसाना रोती हुई घर आ रही है ...” इतना कहा खान साहब खामोश हो गए |

फिर अचानक ही गुस्से में भर बोले –
“ ऐसे कैसे तलाक दे देंगे हरामजादे ? इस देश में कानून है की नहीं ? सालो को कोर्ट में घसीट के ले जाऊँगा ....साले पूरा परिवार दहेज़ के केस में जब जेल जायेगा तब अक्ल आएगी उन्हें ....”

उनकी बाते सुन असिस्टेंट की आँखे आश्चर्य से फ़ैल गईं|


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