Sunday 23 October 2016

जानिए कौन थे वैदिक किन्तु प्रबल नास्तिक ?



यदि हम भारत में नास्तिकता  की बात करें तो अमूमन  इस परम्परा में गैर ब्राहमणों का अधिकार रहा है  ,किन्तु ऐसा भी नहीं रहा की ब्राहमण ने ईश्वर के अस्तित्व को नकारा न हो| ईश्वर परस्त होने के बाद भी कई तार्किक ब्राह्मण ऐसे हुए जिन्होंने ईश्वर के अस्तित्व का जम कर खंडन किया |

ऐसे ही एक विचारक  ब्राह्मण हुए कुल्लुक भट्ट ,यह भी दिलचस्प रहा की कुल्लुक भट्ट ही वे विचारक थे जिन्होंने सातवी सताब्दी में वैदिक संस्कृति को पुनर्जीवित का अथक प्रयास किया |इन्ही का ध्वज बाद में आदि शंकराचार्य ने उठाया और वैदिक संस्कृति को पुर्नप्रतिष्ठित किया |

कुल्लुक भट्ट पहले बौद्ध थे किन्तु बाद में उन्होंने वैदिक धर्म अपनाया और वेदों के प्रति निष्ठा व्यक्त कर उसको प्रचारित करने का संकल्प लिया |भारत से बौद्ध धर्म को नष्ट करने में इनका बड़ा किरदार रहा था ,वे आपने साथ सुन्धावा की सेना ले के चलते थे और जब बौद्धों से तर्क करते हुए हार जाते तो  सेना का प्रयोग करते |

किन्तु, यदि हम उनकी मूल विचारो की बात करें तो वे ईश्वरवाद का खंडन करते हैं ,कुमारिल भट्ट अपनी पुस्तक ‘श्लोक वार्तिक ‘ में ईश्वर के अस्तित्व का लम्बा तर्किक खंडन करते हैं |अब यह आप उनके मस्तिष्क पर बौद्ध धर्म से मिले अनिसश्वरवाद के   ज्ञान का असर कह लीजिये अथवा ईश्वर नाम की कपोल कल्पना का सच जान के उन्होंने इसका खंडन किया |

श्लोक वार्तिका कुमारिल भट्ट का लम्बा और तार्किक खंडन है ईश्वर के विरोध को लेके |

१-      ईश्वरवादी कहते है की ईश्वर अमूर्त है उसका कोई शरीरी नहीं  तथा ईश्वर ने दुनिया बनाई है ,इस पर कुमारिल भट्ट तर्क था की जब ईश्वर का कोई शरीर ही नहीं तो वह दुनिया कैसे बना सकता है ?बिना शरीर के किसी चीज को बनाना कैसे संभव है ?

२-     कुमारिल भट्ट अगला तर्क देते हैं की ईश्वर ने दुनिया किस उद्देश्य से बनाई ?आखरी उसने ऐसी दुनिया क्यों बनाई जिस पर उसका खुद का नियंत्रण नहीं ?जब पहले से कोई भौतिक तत्व उपस्थित नहीं था तो ईश्वर को भौतिक तत्व कंहा से मिले जिससे उसने दुनिया बनाई ?

३-     इस तर्क का खंडन करने के लिए ईश्वरवादी यह कहते हैं की जैसे मकड़ी बिना किसी बाहरी तत्व के जाला बन लेती है उसी प्रकार ईश्वर ने  भी बिना किसी बाहरी तत्व को लिए हुए दुनिया रची | इस पर भट्ट तर्क देते हैं की मकड़ी तो कीड़े मकौड़े खाके और उन्हें पचा के जाले बनाने का पदार्थ तैयार करती है क्या ईश्वर भी भौतिक वस्तुए खा के दुनिया बनाई ? दुनिया अस्तित्वहीन पदार्थ से कैसे अस्तित्व में आ सकती है |

४-     ईश्वरवादी यह तर्क देते हैं की ईश्वर रचना करता है और संहार करता है , इस पर कुमारिल भट्ट खंडन करते हुए तर्क देते हैं की जब बनाया तो नष्ट करने का उद्देश्य क्या ?क्या ईश्वर इतना बुद्धिहीन है की दुनिया को बिना नष्ट किये उसे सुधार नहीं सकता ? फिर जब एक बार नष्ट कर दिया संसार को तो दुबारा किस उद्देश्य से बनाया ? क्या दुबारा बनाने की इच्छा अपूर्ण इच्छाएं नहीं कहलाती ? यदि यही बनाना और संहार करना ही उसका काम है तो क्या वह इस काम से उकता नहीं जाता ? उबना अशरीरिक कैसे हुआ ?

इस प्रकार कुमारिल भट्ट नास्तिकता के पक्ष में बहुत से तार्किक उत्तर देते हैं , जिनका खंडन ईश्वरवादियों  के लिए कठिन है |



4 comments:

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  2. तमिलनडु राज्य की अनय पिछड़ी जातियों में बुनकर जातियां,

    1.जोगी, 2. काला कोरावर्, 3.सलिवांगन, सालिवाहन, 4.सलियार, 5. पदमसलीयर, 6. पथुसालियार, 7. पट्टारिया, 8. अधावियार, 9. पनिक्कर, 10. सोरिया, थानवी, 11. कोश्टा, पडवा, 12. पट्टानूलाकरार, 13. साली, सालियार, 14. पटटू सालियर, 15. अडावियार, 16. पट्टारियार, 17. पिल्लई (कोजिया वेल्लालर, अनुनन्तू वेल्लालार, चेराकुल वेललालार, करकारथर, कोडिक्कर कारा वेलालालार, नानगुडी वेल्लालर, नानजिल नाडू वेल्लालार, नत्तमपदि वेललालार, पैयुर कटटाई वेल्लालर, सैवा वेल्लालार, वीराकोडी वेल्लालार), 18. मुदलियार, 19. सेटटी, 20. देवांग, देवंगर, सेदार, 21. पटनुलकरार, 22. चैटटियार, 23. सालियार,

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  3. तमिलनाडु राज्य में पिछड़ी जातियां,

    1.अगमुदयार, थोझू, थोलुवा, वैल्लाला, 2. अलवार, अझवार, अलवर, 3. अम्बालाकरार, अम्बालाकरान, 4. अन्दी पन्दरम, 5. अरायार, अरायान, नलायार, नूलायार, 6. अरचाकर वेल्लाला, 7. आर्यावथी, 8. अत्तुर किलनाद कोरावर, 9. अत्तुर मेलन्द कोरावर, 10. बदगर, 11. बेस्ठा सिवियार, 12. भटराजू, 13. बिल्लावा, 14. बोदिल, 15. बोयार, बोया, बोंगा बोया, गोरेल्ला दोद्दा बोया, कल्वाथिला बोया, पेड्डा बोया, ओडडार, काल ओडेडार, नेल्लोरोपेट ओड्डार, सूरामणि ओड्डार, 17. चक्काला, 18. चंगायामपुडी कोरावर, 19. चावलकरार, 20. चट्टू, चेट्टी, कोट्टार, एलुर चेट्टी, पथिरा चेट्टी, वलाया चेट्टी, पुडुक्कडाई चेट्टी, 21. सी.के.कोरावर, 22. एस0सी0 क्रिश्चियन, 23./24. दाबी कोरावर, 25. दासारी, डोंगा दासरी, गुडु दासारी, 26. डेक्कनी मुसलिम, 27. देवांगर, सेदार, 28. दोब्बा कोरावर, 29. डोब्बाई कोराचा, 30. डोम्मारा, 31. डोंगा उर कोराचा, डुककुला, 33.एनाडी, 34.येरावल्लार, 35. येझावथी, 36. येझुथाचार, 37. येझुवा, 38. गन्डारवाकोट्टाई कोरावर, 39. गनगवार, 40. वर, गवाराई, कवाराई, वदुगर, वदुवार, 41. गाउन्टर, 42. गोवडा, गम्मला, कलाई, अनुप्पा गावुण्डर, 43. हेगडे, 44. इडिगा, इल्लाथु, पिल्लईमार, इल्लुवार, यझुवार, इललाथर, 46. इंजी कोरावर, 47. इसाईवेल्लालार, 48. जम्बूवनोदाई, 49. जन्गम, 50. झेट्टी, 51. जोगी, 52. काब्बरा, 53. कैकोलान, कैकोलार, सेन्गुथार, 54. कलाडी, 55. काला कोवर, 56. कलारी कुरुप, कलारी परियेके, 57. कलिंगी, 58. लिजी दाबीकोरावर, 59. कल्लार, ईसनाटटू कल्लार, कूटटाप्पल कललार, पीरामलाई कललार, पेरीयासूरीवुर कल्लार, कलवेली गावुण्डर, 60. कम्बर, 61. कम्मालार, विश्वकर्मा, विस्वकममाला, थट्टर, परकोल्लार, कननर करुमार कोललार, थाचेर, कलथाचेर, कमसाला, बिस्वब्राहमण, 63. कनी, कनसु, कनियर, पनिक्कर, 64. कन्नड़ साईंगर, कन्नडीयार, दसलजिका, 65. करुनीगर, सीयर करुनीगर, श्री करुनीगर, सरततु करुनीगर, कैकतती करुनीगर, मथु वाझ, कनक्क सोझी कनक्कर, सुन्नाम्बु, करुनीकर, 66. कटेसर पततामकत्ती, 67. वुथियार, 68. केपमरी, 69. केरल मुदली, 70. खरवी, 71. खत्री, 72. कोन्गू चैट्टियार, 73. कोन्गू वेल्लार, वेल्लाला गावुनटर, नटटू गावुन्टर, नरमबुकटटी गावुन्टर, तिरुमुड़ी वेल्लालार, थोन्डु वेल्लालार, पला गावुनटर, पूसरी गावुन्टर, अनुप्पा वेल्लाला गावुन्टर, पदाईथलाई गावुन्टर, चेन्डालाई गावुन्टर, पवलान कतत वेललाला गवुन्टर, पाला वेल्लाला गावुन्टर, सन्क वेललाला गावुण्टर, राथीनागरी गावुन्टर, 74. कोप्पला वेलामा, 75. कोराचा, 76. कोरावर, 77. कोट्टेयार, 78. कृष्णावका, 79. कुडुम्बी, 80. कुलाला, कुयवर, कुम्बारार, वेलार, 81. कुन्चीदिगर, 82. कुन्नूवर, मन्नाडी, 83. कुरहिनी, चेट्टी, 84. कुरुम्बा, 85. राब्बाई, रावथार, करकायार, 86. लम्बाडी, 87. लैटिन कैथोलिक क्रिश्चियन, 88. जन्गम, 89. मरट्ठा, नामदेव मरट्ठा, 90. महेन्द्र, मेदारा, 91. मालयान, मालायार, . माले, 93. मौजागर, 94. मपिलाला, 95. मारावार, करुमारावार, अप्पनाड, कोन्डायमकोट्टाई मारवार, सेमबानाड मारावार, 96. मरुथुवर, रविथर, मंगल, वेलक्कत्तलावार, वेलाकततलनायर, प्रोनोपकरी, 97. मीनावर, पर्वथरजकुलम, पत्तनवार, सेम्बदावा, 98. मोन्डा कोरावार, 99. मूप्पन, 100. कौन्डाडन चेट्,

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  4. 101. मुककुवन, कुक्कुवर, मुकयार, 102. मुथुरजा, मुथुरचा, मुततिरियार, मुथिरियर, मुथरैयार, मुततला कम्पत्ती, 104. नर, शनर, गरामनी, 105. नगरम, 106. नायकर, 107.नॅजिल मुदली, 108. नारी कोरावर, 109. नोक्कर, 110. ओडर, 111. ओडिया, 112. ओवाचार, 113. वामुलू, 114. पनर, 115. पन्नायार, 116. पन्नीरंदरम चैट्टियार, उथमा चैट्टियार, 117. परवर, 118. परकावाकुलम, सुरुथिमर, सुरुथिमार-मूपनार, नाथमार, नैरान, मलयमार, 119. पेरिके, पेरिके बलिज, 120. पेयमकोल्लार, 121. पेन्नई कोरावर, 122. पोराया, 123. पुललुवर्, प५लुवर्, पूलुवा गावुन्टर, 124. पुसल, 125. साथु चेट्टी, 126. सक्कारावर, कवथ, 127. सक्काराईथमदाई कोरावर, 128. सलेम मेलनाड कोरवा, 129. सलेम उप्पू कोरावर, 130. सलिवांगन, सलिवाहन, ₁3₁. सलियार, पदमसालियार, पथुसालियार, पट्टारियार, अधावियार्, 132. सरंगा पल्ली कोरावर, 133. सथ्था श्रीवैष्णव, साथ्नाई, चटटाडी, श्रीवैष्नव, सवालक्कार, वल्करर, 135. सेनाईथलावर, सैनाईकुदियर, इल्लाईवनियार, 136. सौराष्ट्रा, पाटनुल्करार, ₁37. सोझिया चैट्टी, 138. सोझिया वेल्लालर, सोझा, वेल्लालार, चेत्रीलाइकर, कोडिकालकरार, कीराईकरर, 139. श्री यर्, 140. थल् रवर, 141. थोगामलाई कोरावर्, केपमरी, 142. थोगतता वीरक्षत्रीय, 143. थोलोल्लार, 144. थोलुवा नाइकर, वेतलकरा नाइकर, 145. थोन्दामान, 146. थोरियर, थाराइयार, 147. वेन्नियाकुला क्षत्रिय, वन्निया, वन्नियार गावुन्टर, कन्डेर, पदयाची, पलल, अग्निकुला क्षत्रीय, वरागनेरी कोरावर, क्षत्रीय, 148. वरागनेरी कोरावर, 149. वायालपद, नवालपेटा कोराचा, 160. वेदुवर, वेत्तिक्करार, वेदार, 161. वीरासैव्या, 162. वेल्लान चैट्टियार, अगरम वेल्लान चैट्टियार, 163. वेलुथाथु नायर, 164. वेतत रावर, 165. वेतुवा गाउन्टर, नवलपेटा कोरचा, 66. वोक्कालिंगार, वककालिगर, ओककलिगर, कपपलिगर, कप्पीलिया, ओक्कलिया, गोवडा, ओक्कलिया गोवडा, ओक्कलिगा गोवडा, ओक्कलिया गोडर, 167. वयनाद चेट्टी, 168. यादवा, इदइयार, तेलगू-इदैयार, वदुगा अयार, वदुगा इदैयार, गोल्ला मोन्ड ल्ला, अस्थांथ्रा, गोल्ल, 169. यवना, 170. येरूकुला, 171. योगीस्वरा, 172. ओबीसी करिश्चियन, 173. बट्टू तुर्क, 174. देवगुडी तलयारी, 175. पोडिकारा वेल्लारा, 176. वुलावर, 177. वेल्लालारा, 178. कललर कुला थोन्डामान, 180. थिय्या आदि।

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